The Definitive Guide to बबूल के फायदे और नुकसान





पत्ते: पेड़ के पत्ते आंवले के पत्ते की तरह देखने में होते हैं पर उससे छोटे होते हैं।

काढ़ा में थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर योनि को धोने से भी ल्यूकोरिया में फायदा मिलता है।

इसके अलावा बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर होता है।

बबूल के निम्न भाग का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है।

ब्लैकहेड्स और दाने हटाने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है जोकि पूरी तरह गलत है. टूथपेस्ट से चेहरे पर इंफेक्शन और इरिटेशन बढ़ सकती है.

महिलाओं में बांझपन के लिए जिम्मेदार हो सकता है ये विटामिन, नहीं पता चलते लक्षण

पत्ते: इसके पत्ते मलरोधक होते हैं। यह चरपरे, रुचिकारक, खांसी, वात, कफ और पाइल्स को दूर करते हैं।

बबूल के पत्ते और छाल एवं बड़ की छाल लें। सबको बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर रख लें। इससे कुल्ला (गरारा) करने से गले के रोग मिट जाते हैं।

इसके अलावा बबूल के पत्ते को पीसकर उसका पेस्ट लगाने से भी पसीना आना कम हो जाता है।

बबूल गोंद के अधिक सेवन से घबराहट एवं जी मचलाने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

चिकित्सीय इस्तेमाल के लिए पेड़ के उपयोगी हिस्से: पत्तियां, छल, गोंद, और बीज।

शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।

इसके अलावा बबूल की छाल के काढ़ा से गरारा करें। इससे भी कंठ के रोग में लाभ होता है।

बबूल के गोंद आपका वजन मेंटेन रखने में बहुत ज्यादा फ़ायदेमंद मानी जाती है। अगर आपका वजन ज्यादा है और वजन कम करना चाहते हैं या फिर Source वजन मेंटेन करना चाहते हैं तो आपको बबूल की गोंद का सेवन जरूर करना चाहिए। यह अधिक वसा को कम करने में मदद करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *